लिली

By सूर्यकांत त्रिपाठी निराला 2.37k पढ़ा गया | 4.0 out of 5 (2 रेटिंग्स)
Literature & Fiction Mini-SeriesEnded13 एपिसोड्स
महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कहानियों में जो रचनाकाल का तत्कालीन सामाजिक परिवेश है, उसमें नारी और नारी जीवन की समस्याएं अपने प्राकृत रूप में हैं। निराला की कहानियों में एक दूरदर्शिता है जिसमें वे अपने समय से आगे देखते हैं और इसीलिए उनकी रचनाएं तमाम सामाजिक विद्रूपों, कुसंस्कारों, और अन्य रूढ़ियों पर प्रहार करती हैं। ‘लिली’ भी ऐसी ही महत्त्वपूर्ण रचनाओं का एक संग्रह है। ‘लिली’ शीर्षक कथा में पद्मा और राजेन्द्र के बीच खिल रहे प्रेम और उस प्रेम में सामाजिकता के हस्तक्षेप को दर्शाया गया है। पद्मा के पिता का अंतर्जातीय विवाह के विरोध में खड़े रहना और अपनी अंतिम इच्छा में भी जड़ बने रहना हमारे समाज की रूढ़ियों को एक चेहरा देता हुआ लगता है। फिर भी प्रेम अपने रास्ते तलाश ही लेता है लेकिन समय की मार सबको झेलनी पड़ती है।
रेटिंग्स और रिव्युज़
2 रेटिंग्स
4.0 out of 5
पूर्व गतिविधि
"pallavi pundir"

कहानी का आरंभ बहुत सुंदर है। निराला की कविताओं से तो मुझे बहुत प्रेम है, इस...Read more

"ज्योति मिश्रा"

सुंदर कहानी

4 Mins 686 पढ़ा गया 0 कमेंट
एपिसोड 2 12-04-2022
3 Mins 334 पढ़ा गया 0 कमेंट
एपिसोड 3 12-04-2022
4 Mins 372 पढ़ा गया 7 कमेंट
एपिसोड 4 20-04-2022
3 Mins 255 पढ़ा गया 0 कमेंट
एपिसोड 5 20-04-2022
3 Mins 166 पढ़ा गया 0 कमेंट
एपिसोड 6 27-04-2022
3 Mins 135 पढ़ा गया 0 कमेंट
एपिसोड 7 27-04-2022
5 Mins 89 पढ़ा गया 0 कमेंट
एपिसोड 8 27-04-2022
5 Mins 73 पढ़ा गया 0 कमेंट
एपिसोड 9 27-04-2022
3 Mins 61 पढ़ा गया 0 कमेंट
एपिसोड 10 27-04-2022
6 Mins 76 पढ़ा गया 0 कमेंट
एपिसोड 11 11-05-2022
6 Mins 60 पढ़ा गया 0 कमेंट
एपिसोड 12 11-05-2022
6 Mins 32 पढ़ा गया 0 कमेंट
एपिसोड 13 11-05-2022
7 Mins 43 पढ़ा गया 0 कमेंट

ऐसे ही अन्य