
गुंडा
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Classic Fiction
Literature & Fiction
गुंडा की कथा वाराणसी के परिवेश पर आधारित है। ईसा की 18वीं शती के अंतिम भाग में समस्त न्याय और बुद्धिवाद को शस्त्र-बल के समक्ष परास्त होते देख एक नए संप्रदाय के उदय को प्रसाद जी ने चित्रित किया है। जिन्हें वहां के लोग गुण्डा समझते हैं। उनका धर्म वीरता था जिसका प्रदर्शन वे अन्याय, अत्याचार के विरुद्ध निर्बलों और अक्षम की रक्षा करते थे।
बहुत सुंदर कहानी
"अनु"बेहद खूबसूरत और मन को बांधने वाली रचनाRead more
ऐसे गुंडे हमारे देश के हर कोने में होने चाहिए। कम शब्दों में 18वीं सदी के भ...Read more
रोचकता पूर्ण कहानी
एपिसोड 1
22-06-2021
22-06-2021
6 Mins
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एपिसोड 2
22-06-2021
22-06-2021
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22-06-2021
22-06-2021
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