पहचान

By सरिता निर्झरा 552 पढ़ा गया | 5.0 out of 5 (9 रेटिंग्स)
Literature & Fiction Mini-SeriesEnded3 एपिसोड्स
इंसान की उम्र गुज़र जाती है अपनी पहचान बनाने में, लेकिन काग़ज़ का एक पुर्ज़ा उस पहचान, उस सम्मान को एक पल में मिटा देता है! क्यों? यही सवाल है बीजी का। बीजी यानी प्रीत कौर। असम के डिब्रूगढ़ से कुछ दूर एक क़स्बे में सालों से रह रही हैं अपने परिवार के साथ। खू़ब नाम, ख़ूब इज़्ज़त कमाई है इस परिवार ने यहां। लेकिन एक रात पुलिस ने इनके दरवाज़े पर दस्तक दी और सब कुछ बदल गया। क्या बीजी अपने परिवार, अपने घर और अपने नाम को बचा पाएंगी?
रेटिंग्स और रिव्युज़
9 रेटिंग्स
5.0 out of 5
पूर्व गतिविधि
"Kiran Shukla"

बेहद खूबसूरत कहानी है! इस रचना के लिए लेखिका को ढ़ेरों बधाई! आपकी लेखनी यूं...Read more

"Vaibhav Singh"

बहुत ही शानदार

"Pragati Tripathi"

विभाजन के दर्द और इंसानियत का सबक सिखाती बहुत सुंदर कहानी 👏Read more

"Pallavi Raj"

कमाल की लेखनी है..... कुछ जगह तो शब्दों ने मन और मस्तिष्क पर सीधा प्रभाव छो...Read more

5 Mins 229 पढ़ा गया 7 कमेंट
एपिसोड 2 06-05-2022
3 Mins 156 पढ़ा गया 2 कमेंट
एपिसोड 3 06-05-2022
4 Mins 162 पढ़ा गया 15 कमेंट

ऐसे ही अन्य