
पहचान
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Literature & Fiction
इंसान की उम्र गुज़र जाती है अपनी पहचान बनाने में, लेकिन काग़ज़ का एक पुर्ज़ा उस पहचान, उस सम्मान को एक पल में मिटा देता है! क्यों?
यही सवाल है बीजी का। बीजी यानी प्रीत कौर। असम के डिब्रूगढ़ से कुछ दूर एक क़स्बे में सालों से रह रही हैं अपने परिवार के साथ। खू़ब नाम, ख़ूब इज़्ज़त कमाई है इस परिवार ने यहां। लेकिन एक रात पुलिस ने इनके दरवाज़े पर दस्तक दी और सब कुछ बदल गया। क्या बीजी अपने परिवार, अपने घर और अपने नाम को बचा पाएंगी?
बेहद खूबसूरत कहानी है! इस रचना के लिए लेखिका को ढ़ेरों बधाई! आपकी लेखनी यूं...Read more

बहुत ही शानदार
विभाजन के दर्द और इंसानियत का सबक सिखाती बहुत सुंदर कहानी 👏Read more

कमाल की लेखनी है..... कुछ जगह तो शब्दों ने मन और मस्तिष्क पर सीधा प्रभाव छो...Read more
एपिसोड 1
06-05-2022




एपिसोड 2
06-05-2022




एपिसोड 3
06-05-2022



