इंद्रजाल
4.96k पढ़ा गया | 5.0 out of 5 (2 रेटिंग्स)
Classic Fiction
Historical /Mythology
इन्द्रजाल जयशंकर प्रसाद का पाँचवाँ कहानी संग्रह है, जिसका प्रकाशन सन् 1936 ई॰ में हुआ। इस संग्रह में कुल 14 कहानियां हैं। इस संग्रह की ख़ास बात है की इनमें कथावस्तु प्रसाद जी के बाकी कहानी संग्रहों से अपेक्षाकृत अधिक भावात्मक, विचारोत्तेजक तथा कलात्मक है। पौराणिकताओं से वर्तमान परिवेश की कहानियां अद्भुत ढंग से प्रसाद जी ने खींचीं हैं।
जरूर पढ़ें- इंद्रजाल, सलीम, छोटा जादूगर, नूरी, परिवर्तन, गुंडा, विराम-चिह्न, सालवती
"Himanshu Pratap Snehi"
इन्द्रजाल कहानी ने मन मोह लिया।Read more
"Kamlesh Jha"
मन का मन से वार्तालाप बहुत सुंदर वर्णित किया है ।Read more
"Sudhir Bamola"
लाजवाब कहानी
एपिसोड 1
22-06-2021
5 Mins
1.53k पढ़ा गया
6 कमेंट
एपिसोड 2
22-06-2021
5 Mins
570 पढ़ा गया
4 कमेंट
एपिसोड 3
22-06-2021
3 Mins
445 पढ़ा गया
3 कमेंट
एपिसोड 4
22-06-2021
4 Mins
451 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 5
22-06-2021
6 Mins
270 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 6
22-06-2021
3 Mins
194 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 7
22-06-2021
5 Mins
187 पढ़ा गया
5 कमेंट
एपिसोड 8
22-06-2021
5 Mins
134 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 9
22-06-2021
4 Mins
103 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 10
22-06-2021
4 Mins
99 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 11
22-06-2021
4 Mins
92 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 12
22-06-2021
3 Mins
83 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 13
22-06-2021
4 Mins
82 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 14
22-06-2021
4 Mins
66 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 15
22-06-2021
4 Mins
75 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 16
22-06-2021
5 Mins
88 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 17
04-09-2021
7 Mins
56 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 18
04-09-2021
7 Mins
39 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 19
04-09-2021
8 Mins
48 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 20
04-09-2021
6 Mins
38 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 21
04-09-2021
6 Mins
37 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 22
04-09-2021
4 Mins
32 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 23
04-09-2021
4 Mins
34 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 24
04-09-2021
6 Mins
31 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 25
04-09-2021
5 Mins
27 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 26
04-09-2021
5 Mins
33 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 27
04-09-2021
6 Mins
30 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 28
04-09-2021
8 Mins
31 पढ़ा गया
0 कमेंट
एपिसोड 29
04-09-2021
7 Mins
61 पढ़ा गया
0 कमेंट