ताई
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Literature & Fiction
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बाबू रामजीदास की पत्नी रामेश्वरी, जिसे उनके देवर के बच्चे ‘ताई’ कहकर पुकारते हैं, नि:संतान है। बाबूजी अपने भतीजे-भतीजियों से जितना लाड़ करते हैं, ताई अपने देवर के बच्चों से ईर्ष्या और द्वेष का भाव रखती है, लेकिन बाल मन का माधुर्य और चंचलता अपने लिए ममता तलाशने के रास्ते खोज ही लेता है।
‘ताई’ कहानी कई स्टारों पर अंधविश्वासों का खण्डन करती है, बाल-मनोविज्ञान को व्यंजित करती है और नारी मन की संकीर्णताओं को दूर करके पारिवारिक संबंधों को दृढ़ता और मधुरता प्रदान करती है।
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manav man ki antradawand ko dikhati hui khoobsurat kahani hai.
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kalajayi rachana
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05-05-2022
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05-05-2022
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05-05-2022
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