स्त्री विमर्श
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Women's Fiction
Literature & Fiction
‘स्त्री विमर्श’, एक कथा से अधिक हमारे समाज की ओर उछाला गया एक सवाल है। हमारा समाज जो आधुनिकता की खाल भले ओढ़ ले, लेकिन स्त्रियों के लिए उतने ही संघर्षों और यंत्रणाओं से भरा है। आलमीरीगंज में रहने वाले बदमाश-लफंगे और उनका लीडर राजाराम इस समाज का ही एक भौंडा चेहरा है जो स्त्रियों के लिए घृणित मानसिकता और पितृसत्तात्मक पूर्वग्रहों से भरा हुआ है, दूसरी ओर चेतना सक्सेना और उनके मकान में रहनेवाली लड़कियां वह सच हैं जिससे रोज़ इस दुनिया की लाखों-करोड़ों महिलाएं गुज़रती हैं। वरिष्ठ कहानीकार योगेन्द्र आहूजा ने इस कथा के ज़रिए स्त्री मन को एक साकार रूप दिया है जो अपनी तमाम दुविधाएं, पीड़ाएं और संघर्ष लेकर हमारे सामने खड़ा हो जाता है।
"Smriti Prakash"
मन को समझा आपने स्त्री मन को समझा आपने। साठ साल की हूं मैं,पर फिर भी इतना स...Read more
"R.m. Pant"
Stri vimarsha reflects the plight of girls in our male dominated society wh...Read more
एपिसोड 1
12-10-2021
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एपिसोड 2
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