तब और अब

By मन्नू भंडारी 1.49k पढ़ा गया | 5.0 out of 5 (7 रेटिंग्स)
Literature & Fiction Mini-SeriesEnded3 एपिसोड्स
'तब और अब' कहानी है गांव के नवयुवकों के बीच बढ़ते शहरी आकर्षण की। चमक-धमक और पैसों के पीछे रिश्तों के बलि चढ़ जाने की। किसान रामनिझावन का बड़ा बेटा गोविंद शहर जाकर एक एक्सीडेंट में अपनी जान गंवा बैठता है। तो सालों बाद छोटे बेटे गोपाल की आंखों पर शहरी चकाचौंध की ऐसी धुंध जम जाती है कि रिश्ते-नाते उसके लिए बेमानी हो जाते हैं। शहर की तड़क-भड़क एक पिता से उसके दोनों बेटे छीन लेती है। एक की देह मर जाती है तो दूसरे की आत्मा! ‘तब और अब’ को हम मन्नू जी की अनन्य सुधा अरोड़ा के सौजन्य से प्रकाशित कर रहे हैं। यह उनके किसी भी संग्रह में शामिल नहीं है।
रेटिंग्स और रिव्युज़
7 रेटिंग्स
5.0 out of 5
पूर्व गतिविधि
"Himanshu Pratap Snehi"

बहुत ही मार्मिक और झिंझोड़ के रख देने वाली कहानी।Read more

"Jaya Das Mallick"

mannu bhandari ji ki sab rachanaon ki tarah utkrist

"ARUN KUMARYADAV"

व्यक्ति के अन्तर्द्वन्दो का उफ़ान व उससे उत्पन्न समीकरणों का अनकहे रूप का त...Read more

"Aishwarya Mohan Gahrana"

बढ़िया कहानी

3 Mins 617 पढ़ा गया 0 कमेंट
एपिसोड 2 17-11-2021
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