
चाॅकलेट
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Literature & Fiction
‘उग्र’ की इस रचना से पहली बार हिंदी-साहित्य में एक साथ कई चर्चाएं शुरू हुईं। समलैंगिकता को बीच बहस में लाने की वजह से ‘चॉकलेट’ को घासलेटी साहित्य तक कहा गया। अश्लील कहकर इसकी तीख़ी आलोचना हुई। साहित्य और नैतिकता के मामले ने इतना तूल पकड़ा कि बात महात्मा गांधी तक पहुंच गई। गांधीजी ने इस रचना को पढ़ कर निर्णय दिया कि यह कहीं से भी अश्लीलता को बढ़ावा नहीं देती।
यह कहानी एक नये संवाद को जन्म देती हैं।Read more
यह कहानी शायद 1920-30की अवधि में लिखी गई थी. बाल यौन शोषण और समलैंगिकता भा...Read more

bahut hi tikhi aur samajik gandagi ko dikhati katha
स्वतंत्रता के नाम पर समाज मे होने वाली अप्राकृतिक क्रियाएं नई पीढ़ी को बर्...Read more
एपिसोड 1
29-12-2021




एपिसोड 2
29-12-2021



